Thursday, October 7, 2010

निशाना
















अब
चल पड़े हैं तो रूकेंगे कदम,
आँधियों और तूफानों के समक्ष कभी झुकेंगे हम!

मंजिलों को पाना हैं, लक्ष्य कि ओर निशाना है,
होती मेहनत कि जीत है, हमने तो बस इतना जाना है!

सच करना है हर सपने को तो, अपने अटल विश्वास को जगाना है,
आग में ताप कर खुद को, एक जगमगाता और बेशकीमती सोना बनाना है!

खुद पर भरोसा कर हमें हर मुश्किल को सामने से हटाना हैं,
अपनी मंजिल को हासिल करने के लिये खुद को काबिल बनाना है!

खुद पर हौंसला है रखना, औरों को भी आगे बढ़ाना है,
लोग आदर्श माने आपको बस खुद कि एक ऐसी पहचान बनाना हैं!

साथ दे दे चाहे ज़माना, हमको तो बस आगे बढते जाना हैं,
खुद पर रख भरोसा हमको अपने सपने को सच कर जाना हैं,

वादा कर लो खुद से बस इतना कि हर अँधेरे को तुम्हे,
अपनी जीत के प्रकाश से दूर भगाना हैं !

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