Saturday, September 18, 2010

ख्वाबों को हकीकत में बदल कर देख

अपने ख्वाबों को हकीकत में बदल कर तो देख,
अपनी सोच कि राहों पर आगे चल कर तो देख,

लोहे के पिंजरों की सलाखों में भी है उड़ने की राह,
तू बस अपने पंखो को ज़रा उड़ा कर तो देख ,

खुद ब खुद हल होंगी ज़िन्दगी की हर मुश्किलें ,
बस तू अपनी ख़ामोशी को सवालों में बदल कर तो देख,

चट्टानें भी टूट जायेंगी तेरी हिम्मत के सामने,
तू बस सच्चाई की राह पर चल कर तो देख,

अँधेरी राहों में भी चमकेगी रौशनी,
सूरज ना सही तू एक छोटा सा दीपक जलाकर तो देख,

होस्लें कम ना होंगे तेरें तूफ़ान के सामने,
खुद को तूफ़ान से ज्यादा मजबूत बना कर तो देख!