क्या होते हैं पापा
आँखों मैं आने से पहले ही जो रोक ले हमारे अश्कों को,वो होते हैं पापा।
बिन कहे जो सारी बातें जान ले, हमारे मन की वो होते हैं पापा।
बचपन से जो हम बच्चे जपते हैं वाणी ,उसकी आवाज़ होतें हैं पापा।
उड़ती हैं जिनसे हम बच्चौं के सपनो की पतंग, उसकी मजबूत डोर होते हैं पापा।
इस दुनिया की सारी खुशियाँ, जो हम पर न्योछावर करते हैं वो होते हैं पापा।
हमेशा हमारी परेशानियों को , जो चुटकी भर मैं सुलझा दे वो होतें हैं पापा।
वो राह जिस पर एक पग भी रखना लगता हैं मुश्किल,
उस राह पर दौड़ना सिखातें हैं जो , वो होतें हैं पापा।
हमसे सबसे ज़्यादा प्यार करके ,जो हमसे ही छुपा ले वो होते हैं पापा।
भगवान् का हर जगह होना मुमकिन नहीं , इसीलिए भगवान् का रूप इस धरती पर होते हैं पापा।
फिर क्यों एक दिन हमको अकेला छोड़ कर चले जातें हैं पापा।
एक दिन, एक पल ऐसा नहीं होता जब आप याद न आते हो पापा।
आज भी मेरे हर दिन की शुरुवात आपकी तस्वीर से होती हैं पापा।
फर्क इतना हैं की बस आपके आशीर्वाद की आवाज़ नहीं आती ,
मगर जब भी आँखे बंद करती हूँ, केवल आपकी ही तस्वीर दिखती ही पापा।
आप नहीं हो आज सामने मेरे, मगर आपकी बहुत याद आती है पापा.......