Monday, November 21, 2011

ख्वाबों को सदा जिंदा रख























हर कदम पर नए साँचें में ढल जातें हैं लोग,
देखते ही देखते बदल जातें हैं लोग !

कई लोग अपनों में ही सिमटे रह जातें हैं ताउम्र ,
तो कई पूरी दुनिया को अपना बना जातें हैं वहीँ!

सभी लोग सपने देखतें हैं यहाँ,
लेकिन बहुत कम ही इन सपनो को हकीक़त में बदल पातें हैं यहाँ,
ओर जो लोग ऐसा कर दिखातें हैं, उन्हें पलकों पर लोग बीठातें हैं यहाँ!

ओर कुछ ऐसे ही लोग ये सिखलातें हैं हमें कि -------
आँखों में सिर्फ सपनो को सजाने से कुछ नहीं होता,
मुश्किल हालतों में घबराने से यहाँ कुछ नहीं होता,

आवाज हैं गर जेहेन में , तो उस आवाज़ को बुलंद कर ,
अगर भरोसा हैं खुद पर , तो इन्ही सपनो से अपनी ज़िन्दगी कि एक नई शुरुआत कर !

गर देखें हैं जिंदा आँखों से सपने , तो इन ख्वाबों को सदा जिंदा रख,
एक ठोकर से घबरा नहीं बल्कि हजार ठोकरों , का सामना करने का खुद को हर पल तैयार रख!

तू हैं तो ये तेरे सपने हैं, तू नहीं हैं तो ये सपने कहाँ .......
सदा बस इसी एक बात को तू याद रख !


1 comment:

  1. It's superb poem and what the words expressions are! keep sharing same way.Good Luck Neelam.

    Cheers,
    Nancy Rechard
    http://www.travelpackcanada.com/

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