Wednesday, July 4, 2012

ऐसा हो विश्वास आपका

मुश्किलें हर कदम पर आपके इर्रादे आजमाएंगी, 
ख्वाबों के पर्दों को हटा, हक़ीकत से सामना कराएंगी,


कभी सपनो को सच कर ज़न्नत का रुख कराएंगी
और कभी तोड़ कर सपनो को अश्कों से आंखें  भीगायेंगी,


किन्तु हार ना मानना एक ठोकर से तू , गर सपनो में तेरे सच्चाई हैं ,
मुश्किलें  चाहे जितनी ही बड़ी क्यूँ न हो, मजबूत इरादों के समक्ष कभी नहीं टिक पायीं है!


जो चलें हैं निडर होकर ज़िन्दगी में, मंजिलें उन्हीं को मिल पाई  हैं,
हर मंजिल को पाने के लिए हर एक "कामयाब शकशियत" ने अनगिनत ठोकरें खाई हैं!

गिर कर खड़े हुए हैं सब और ये कहना हैं उन्हीं का----2
कि ज़िन्दगी हर कदम पर आपके होंसलें  आजमाएगी,
कदम कदम पर आपको लाखों सवाल कर जायेगी,

ज़रुरत हैं उन सवालों का डट कर हमेशा जवाब दिया जाये,
सफल हों या असफल इसका ना ज़्यादा  ख्याल किया जाये !

गिरकर सदा खड़े होंने का ज़ज्बा रखना दिल में, गर जीवन में कुछ पाना हैं तुम्हें,
किसने देखा हैं कल, अपने आज को अपनी हिम्मत से आज ही सजाना हैं तुम्हें! 

मुश्किलों के आगे झुकना नहीं कभी, बल्कि मुश्किलों को खुद के आगे झुकाना हैं तुम्हें!
हम सफल होंगें अवश्य, बस इसी एक विश्वास के साथ जीवन में आगे बढतें जाना हैं तुम्हें!

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