
ज़िन्दगी कि दौड़ में,
कदमों की अक्सर आवाज़ नहीं होती,
मौसम चाहे कोई भी आये, ज़िन्दगी उससे कोई सरोकार नहीं रखती !
समय कभी रुकता नहीं,
आसमान कभी झुकता नहीं,
तो तू तो एक इंसान है, उस विधाता की एक अनमित पहचान है,
हे मनुष्य तू सर्वशक्तिमान है, फिर भी क्यूँ तू अपनी शक्तियों से अनजान है!
ये दुनिया है जहाँ, काबिलों की होती है पहचान बस ,
खुद में काबिलियत लाने का तू, कर कुछ प्रयास बस,
सब कुछ मिल जाएगा तुझको ,बस थोडा सा खुद पर विश्वास रख!
समय कभी रुकता नहीं,
ReplyDeleteआसमान कभी झुकता नहीं,
बहुत खूब !
बेहद प्रभावशाली पोस्ट !
samay हो तो अवश्य पढ़ें:
पंद्रह अगस्त यानी किसानों के माथे पर पुलिस का डंडा
http://hamzabaan.blogspot.com/2010/08/blog-post_15.html
अच्छे अगीत
ReplyDeletevery nice, i lke it, good Yaar very good.
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