Sunday, June 20, 2010

आज के सगे भाइयों की कहानी

आँखों में पानी है, दिल में जज्बात
लेकिन कह नहीं सकते,एक दुसरे से ये अपनी बात!

है दिल के किसी कोने में, आज भी कुछ यादें
थी जो कभी इनकी बचपन की बुनियादें !

भाई तो रह गए, भाईचारा मिट गया
था आँखों में जो सपना वो प्यारा मिट गया!

दिल में ग़मों की तादाद बढ़ गयी
भाई से भाई की पहचान मिट गई!

जन्म लिया एक ही घर में
लेकिन आज हर दरो दिवार बंट गई!

चली आंधी की एक ऐसी लहर
जहाँ अपनों की हर याद मीट गई!

1 comment:

  1. very imotional, lovet it sooooooooooooooooooooooooooooooooooooo
    nice. this is one of my favorite i loved it.

    Very nice dont have word to say how beautiful this poem is, it is very beautiful, very nice.

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