Monday, June 28, 2010

हौंसले

रेत पर नाम कभी हम लिखते नहीं
क्यूंकि रेत पर लिखे नाम कभी टिकते नहीं !

इसीलिये हर ख़ास नाम को, शायद पत्थरों पर लिखा जाता है
पत्थर की फिदरत रेत से काफी जुदा होती है
जैसे- रेत पर लिखे नाम तो कभी टिकते नहीं
और पत्थरो पर लिखे हुए नाम कभी मिटाने से भी मिटते नहीं!

मंजिलों को हासिल वही करतें है , मुश्किलों के आगे जो झुकते नहीं
चाहे कैसी भी परिस्थिथि क्यूँ हों , राहों में जो रुकतें नहीं !

खुद अपनी दिशा तय करती है पानी की हर धार
कभी तो समुद्र बन जाती है तो कभी झरनों की बौछार !

एक ही बात चीख चीख के कहती है हर बार

सोच को बदलो ,सितारे बदल जायेंगे ,
नज़र को बदलो नज़ारे बदल जायेंगे ,
कश्तिया बदलने की जरूरत नहीं,जरूरत है तो हौंसले बुलंद करने की !

रख हौंसला बुलंद इतना की तुझे जीवन में तेरा हर मकाम मिल जाए
भलें ही शुरुआत अकेली हो लेकिन कल - काफिला खुद खुद तेरे साथ बन जाए !

1 comment:

  1. mind blowing very nice very true and very inspirational, u deserve an applaud. good Yaar very good.

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