Collection of motivational poems which will helps one individual not only in pursuing the dreams but to make them a reality as well.These inspirational poems are here to help relight that fire in your soul, to help you reclaim the life you were meant to live.
Saturday, July 24, 2010
बचपन
जन्म हुआ जब तेरा तेरे चेहरे पर कितना नूर था,
ये जहाँ तेरी सोच से भी मीलो दूर था,
जब तू पैदा हुआ सोचा है कभी,तू स्वयं कितना मजबूर था!
हाथ पाँव भी तब तेरे अपने ना थे
तेरी आँखों में दुनिया के सुनहरे सपने ना थे,
करना कुछ भी तुझे आता ना था ,
माँ को छोड़ दूजा कोई, तुझे भाता ना था,
तेरा सबसे प्यारा साथी,खिलौना ही था,
तुझको आता सिर्फ रोना ही था,
दूध पी कर काम तेरा सोना ही था!
जैसा भी था बड़ा प्यारा था वो समां
बचपन था ना,सुन्दर तो इसे होना ही था!
Labels:
बचपन
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
very nice, loved it. Keep doing the good work!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
ReplyDeleterealy very beautiful..........
lajabab, behtreen aisa sundar poetry pahli bar padne dk mili.
ReplyDeleteThankyou