Friday, July 2, 2010

वक़्त लगता है

कली को फूल बनने में वक़्त लगता है
एक नन्हे बीज को, पौधा बनने में वक़्त लगता है,
मिल जाती है हर मंजिल जग में ,
किन्तु पहला कदम उठाने में वक़्त लगता है !

दूर देखा है कभी पंछियों को घोंसला बनाते हुए ,
कैसे उन्हें अपना नन्हा सा घोंसला बनने में वक़्त लगता है ,
लाख उड़ने की तमन्ना हो मगर,
उन्हें अपने पर फैलाने में वक़्त लगता है !

पत्थरों को पूजते हुए कई बार , ईशवर है मिल जातें ,
मगर इन पत्थरों के बुत बनाने में वक़्त लगता है,
है मनुष्यों की कमी नहीं जहाँ में, मगर हाँ
एक नेक इंसान बनने में वक़्त लगता है !

दूसरो को दुखी देख कर, मुस्कुराते रहतें हैं आज लोग,
मगर उनकी खुशियों में शामिल होने में वक़्त लगता है ,
मिलतें है जन्म के साथ हज़ारो ही रिश्तें,
किन्तु, इन रिश्तों को सच्चाई से निभाने में वक़्त लगता है!

ज़िन्दगी मोहताज़ नहीं , मंजिलो की ,
क्यूंकि वक़्त हर मंजिल दिखा देता है,

कभी हसतें कभी रोतें, कभी गिरते तो कभी उठते ,
किसी ने सच ही कहा है ,ये वक़्त सभी को जीना सिखा देता है !

2 comments:

  1. मुझे आपका ब्लोग बहुत अच्छा लगा ! आप बहुत ही सुन्दर लिखते है ! मेरे ब्लोग मे आपका स्वागत है !

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  2. too good yaar, very nice, simply loved it.

    मिल जाती है हर मंजिल जग में ,
    किन्तु पहला कदम उठाने में वक़्त लगता है !

    very nice and true. I loved this punch line...........

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