सामने कोहरा घना है , और मैं सूरज नहीं हूँ
क्या इसी अहसास में जियूँ ?
या जैसा भी हूँ, नन्हा सा एक दिया तो हूँ
क्यूँ न इस आस में जियूँ !
हर आने वाला क्षण -मुझे यही कहता है
अरे भाई तुम सूरज तो नहीं!!!!!
और में कहता हूँ ,सूरज ना सही,एक नन्हा दिया तो हूँ ,
मुझमे स्वयं जलने की, कुछ करने की शक्ति तो है,
क्या हुआ गर मै , पुरे जग को प्रकाशीत ना कर सका,
किन्तु रौशनी फैलाने की उत्कंठ चाहत तो है !
कुछ करने की इच्छा मेरे जीवन जीने का उद्देश्य है,
छोटा ही सही , किन्तु कुछ तो मुझमे विशेष है!
मेरा आत्मविशवास मुझे, ये चेतना अक्सर दे जाता है,
समय चाहे कैसा भी हो-अच्छा या बुरा, एक दिन बदल जाता है !
पाता है वही मंजिल जग में ,
जिसका द्रीड-निशचय कभी नहीं डगमगाता है ,
फिर वो ,चाहे एक नन्हा दीपक हो या विशाल सूरज ये सवाल,
सवाल नहीं रह जाता है ,
क्यूंकि सदियों से ये जग उसी को अपनाता है,
जो अपनी राह इस दुनिया में खुद ब खुद बनाता है !
Collection of motivational poems which will helps one individual not only in pursuing the dreams but to make them a reality as well.These inspirational poems are here to help relight that fire in your soul, to help you reclaim the life you were meant to live.
Tuesday, June 29, 2010
Monday, June 28, 2010
हौंसले
रेत पर नाम कभी हम लिखते नहीं
क्यूंकि रेत पर लिखे नाम कभी टिकते नहीं !
इसीलिये हर ख़ास नाम को, शायद पत्थरों पर लिखा जाता है
पत्थर की फिदरत रेत से काफी जुदा होती है
जैसे- रेत पर लिखे नाम तो कभी टिकते नहीं
और पत्थरो पर लिखे हुए नाम कभी मिटाने से भी मिटते नहीं!
मंजिलों को हासिल वही करतें है , मुश्किलों के आगे जो झुकते नहीं
चाहे कैसी भी परिस्थिथि क्यूँ न हों , राहों में जो रुकतें नहीं !
खुद अपनी दिशा तय करती है पानी की हर धार
कभी तो समुद्र बन जाती है तो कभी झरनों की बौछार !
एक ही बात चीख चीख के कहती है हर बार
सोच को बदलो ,सितारे बदल जायेंगे ,
नज़र को बदलो नज़ारे बदल जायेंगे ,
कश्तिया बदलने की जरूरत नहीं,जरूरत है तो हौंसले बुलंद करने की !
रख हौंसला बुलंद इतना की तुझे जीवन में तेरा हर मकाम मिल जाए
भलें ही शुरुआत अकेली हो लेकिन कल - काफिला खुद ब खुद तेरे साथ बन जाए !
क्यूंकि रेत पर लिखे नाम कभी टिकते नहीं !
इसीलिये हर ख़ास नाम को, शायद पत्थरों पर लिखा जाता है
पत्थर की फिदरत रेत से काफी जुदा होती है
जैसे- रेत पर लिखे नाम तो कभी टिकते नहीं
और पत्थरो पर लिखे हुए नाम कभी मिटाने से भी मिटते नहीं!
मंजिलों को हासिल वही करतें है , मुश्किलों के आगे जो झुकते नहीं
चाहे कैसी भी परिस्थिथि क्यूँ न हों , राहों में जो रुकतें नहीं !
खुद अपनी दिशा तय करती है पानी की हर धार
कभी तो समुद्र बन जाती है तो कभी झरनों की बौछार !
एक ही बात चीख चीख के कहती है हर बार
सोच को बदलो ,सितारे बदल जायेंगे ,
नज़र को बदलो नज़ारे बदल जायेंगे ,
कश्तिया बदलने की जरूरत नहीं,जरूरत है तो हौंसले बुलंद करने की !
रख हौंसला बुलंद इतना की तुझे जीवन में तेरा हर मकाम मिल जाए
भलें ही शुरुआत अकेली हो लेकिन कल - काफिला खुद ब खुद तेरे साथ बन जाए !
इम्तिहान
जीवन का सफ़र एक इम्तिहान होता है
इस इम्तिहान में पास हों या फ़ैल, इसका फैसला करने वाला इंसान होता है !
मनुष्य रूप ही संसार में सबसे श्रेष्ठ वान होता है
क्यूंकि मनुष्य के पास ही दिमाग रूपी औज़ार होता है !
मनुष्य चाहे तो क्या नहीं कर सकता,गर वो ठान ले
अपनी अन्दर की छुपी छमताओं को , गर वो जान ले !
जीवन है तो मुश्किलें भी आएँगी, आपके होंसोलो को पल पल आजमायेंगी
यही मुश्किलें आपको जीवन, जीने का सही सलीका सिखलायेंगी!
मुश्किलों से भाग जाना बड़ा ही आसान होता है
गौर से देखो तो हर पहलु, ज़िन्दगी का इम्तिहान होता है
जहाँ में डरने वालों को, कुछ नहीं मिलता
और लड़ने वालों के क़दमों में झूका सारा जहान होता है !
इस इम्तिहान में पास हों या फ़ैल, इसका फैसला करने वाला इंसान होता है !
मनुष्य रूप ही संसार में सबसे श्रेष्ठ वान होता है
क्यूंकि मनुष्य के पास ही दिमाग रूपी औज़ार होता है !
मनुष्य चाहे तो क्या नहीं कर सकता,गर वो ठान ले
अपनी अन्दर की छुपी छमताओं को , गर वो जान ले !
जीवन है तो मुश्किलें भी आएँगी, आपके होंसोलो को पल पल आजमायेंगी
यही मुश्किलें आपको जीवन, जीने का सही सलीका सिखलायेंगी!
मुश्किलों से भाग जाना बड़ा ही आसान होता है
गौर से देखो तो हर पहलु, ज़िन्दगी का इम्तिहान होता है
जहाँ में डरने वालों को, कुछ नहीं मिलता
और लड़ने वालों के क़दमों में झूका सारा जहान होता है !
Sunday, June 27, 2010
पिता- (अनमोल हैं )
पिता का दर्ज़ा है दुनिया में भगवान् के सामान
किन्तु इस बात से है आज भी कई लोग अनजान !
पिता है वो शकशियत- जो हमें इस जहाँ में चलना सिखाते है
जो ठोकर खा कर गिरते है हम कभी, तो फिर से हमें उठना सिखलातें है !
जीवन में गलत क्या है और सही क्या है इसका अंतर बतलातें है
गर कभी बीमार पड़ते है हम, तो नींदें वो अपनी गवातें है!
हम खुश रहे इसके लिए , वो अपना दर्द भूलाकर भी मुस्कुरातें है
जीवन में हर मुश्किल का सामना डट कर करना, एक पिता ही सिखलातें है!
पिता हम बच्चों की जान होतें है,
किसी ने सच ही कहा है की, पिता में ही बसे भगवान् होतें है !
पिता की हर दुआ हम बच्चों के लिए वरदान होती है
उनसे मिली हर सिख एक कीमती हीरे की खान होती है !
तभी तो शायद हर बच्चें के लिए उसके पिता की उपस्थिति अनिवार्य होती हैं !
जीवन में पिता का मान सदैव ऊंचा रहा है, और सदियों रहेगा
अब तक है कहता आया यही ज़माना और युगों तक यही कहेगा !!
किन्तु इस बात से है आज भी कई लोग अनजान !
पिता है वो शकशियत- जो हमें इस जहाँ में चलना सिखाते है
जो ठोकर खा कर गिरते है हम कभी, तो फिर से हमें उठना सिखलातें है !
जीवन में गलत क्या है और सही क्या है इसका अंतर बतलातें है
गर कभी बीमार पड़ते है हम, तो नींदें वो अपनी गवातें है!
हम खुश रहे इसके लिए , वो अपना दर्द भूलाकर भी मुस्कुरातें है
जीवन में हर मुश्किल का सामना डट कर करना, एक पिता ही सिखलातें है!
पिता हम बच्चों की जान होतें है,
किसी ने सच ही कहा है की, पिता में ही बसे भगवान् होतें है !
पिता की हर दुआ हम बच्चों के लिए वरदान होती है
उनसे मिली हर सिख एक कीमती हीरे की खान होती है !
तभी तो शायद हर बच्चें के लिए उसके पिता की उपस्थिति अनिवार्य होती हैं !
जीवन में पिता का मान सदैव ऊंचा रहा है, और सदियों रहेगा
अब तक है कहता आया यही ज़माना और युगों तक यही कहेगा !!
Saturday, June 26, 2010
तमन्ना का महत्व
तमन्ना रखो समंदर की गहराई छूने की,
तमन्ना रखो आसमान की ऊंचाई छूने की,
पूरी होगी हर तमन्ना गर कोशिश होगी सच्ची!
तमन्ना करने से ही हर ख्वाहिश पूरी होती है;
किन्तु हर तमन्ना को पूरा करने की लिए,
सच्ची मेहनत और लगन की सख्त जरूरत होती है!
समंदर की गहराई जानने के लिए डूबना जरूरी होता है
आज की दुनिया में अपने संस्कारों और मूल्यों के लिए लड़ना भी जरूरी होता है!
यह सच है की मंजिल उन्ही को मिलती है, जिनके सपनो में जान होती है,
पंख से कुछ नहीं होता , हौसलों से उड़ान होती है !
तमन्ना रखो आसमान की ऊंचाई छूने की,
पूरी होगी हर तमन्ना गर कोशिश होगी सच्ची!
तमन्ना करने से ही हर ख्वाहिश पूरी होती है;
किन्तु हर तमन्ना को पूरा करने की लिए,
सच्ची मेहनत और लगन की सख्त जरूरत होती है!
समंदर की गहराई जानने के लिए डूबना जरूरी होता है
आज की दुनिया में अपने संस्कारों और मूल्यों के लिए लड़ना भी जरूरी होता है!
यह सच है की मंजिल उन्ही को मिलती है, जिनके सपनो में जान होती है,
पंख से कुछ नहीं होता , हौसलों से उड़ान होती है !
Friday, June 25, 2010
नारी तू कमज़ोर नहीं
नारी तू कमज़ोर नहीं
क्यूँ तुझको समझे ये दुनिया असहाय सारी!
क्यूँ तुझको अपना ही डर,अन्दर ही अन्दर सताये
क्यूँ तू अधर्मियों और अत्याचारियों के समक्ष अपना शीश झुकाये!
क्यूँ नहीं तू अपनी तकदीर अपने हाथों खुद बनाए
क्यूँ तू अपने आपको इस दुनिया में मजबूर और निर्बल बताये !
एक बात स्वीकार ले आज की नारी
छोड़ सीता का दामन ,आज बन जा तू दुर्गा की अवतारी !
काट दे उस हाथ को जो तेरे गिरेबान पर उठे
भस्म कर दे उस इंसान को जिसकी बुरी नजर तुझ पर पड़े
मार दे ऐसे पापियों को जो समाज को दूषित करे!
क्यूँ तुझको समझे ये दुनिया असहाय सारी!
क्यूँ तुझको अपना ही डर,अन्दर ही अन्दर सताये
क्यूँ तू अधर्मियों और अत्याचारियों के समक्ष अपना शीश झुकाये!
क्यूँ नहीं तू अपनी तकदीर अपने हाथों खुद बनाए
क्यूँ तू अपने आपको इस दुनिया में मजबूर और निर्बल बताये !
एक बात स्वीकार ले आज की नारी
छोड़ सीता का दामन ,आज बन जा तू दुर्गा की अवतारी !
काट दे उस हाथ को जो तेरे गिरेबान पर उठे
भस्म कर दे उस इंसान को जिसकी बुरी नजर तुझ पर पड़े
मार दे ऐसे पापियों को जो समाज को दूषित करे!
आज हाथों में चूड़ियों का नहीं तू तलवार का श्रृंगार कर
अपने जीवन की मुश्किलो का सामना अपनी हिम्मत से हर बार कर
रह तू मरियादा में किन्तु न अपना तिरस्कार स्वीकार कर
हक़ अपना छीन ले आज गर मिलता नहीं -२
मत बन आज बलिदान की मूर्ति क्यूंकि, आज बलिदान से कुछ मिलता नहीं!
दुर्गा रूप में आज तू स्वयं को आत्मसात कर
आज हो या कल
तू हर युग में जुल्मी और अत्याचारियों का अपनी शक्तियों से संघार कर!
नारी तू कमज़ोर नहीं
आज इसे स्वीकार कर-२ !!!!
माँ
माँ से बच्चे का रिश्ता कुछ ऐसा होता है
जैसे जहाँ में फूल और गुलिंस्ता होता है !
माँ की एक दुआ बच्चे की जिंदगी बना देती है
खुद चाहे कितनी भी दुखी क्यों न हो, लेकिन हमें हंसा देती है!
माँ की ममता के भी कई अंदाज़ होते हैं
उनकी जागती आँखों में हम बच्चों के लिए, लाखो ही ख्वाब होते हैं !
हमारी हर एक कामयाबी, देती है हजारों खुशी जिनको
वो और कोई नहीं हमारी माँ होती है !
बस एक ही गुजारिश है मेरे भगवान्
मेरी माँ को सदा खुश रखना,
एक हस्ती है जो जान है मेरी
मेरी आन से भी बढ़कर मान है मेरी
वो जो करे हुकुम,तो हाज़िर जान है मेरी
क्यूंकि वो कोई और नहीं, माँ है मेरी!
ईशवर को तो कभी देखा नहीं,किन्तु माँ में झलक लगती है उसकी !
क्यूँ न माँ से एक ऐसा रिश्ता बनाया जाए
जिसको सदैव ही अपनी निगाहों पर बिठाया जाये
रहे मेरा और मेरी माँ का रिश्ता ऐसा
गर हो उदास कभी वो तो खुश मुझसे भी ना रहा जाये!
जैसे जहाँ में फूल और गुलिंस्ता होता है !
माँ की एक दुआ बच्चे की जिंदगी बना देती है
खुद चाहे कितनी भी दुखी क्यों न हो, लेकिन हमें हंसा देती है!
माँ की ममता के भी कई अंदाज़ होते हैं
उनकी जागती आँखों में हम बच्चों के लिए, लाखो ही ख्वाब होते हैं !
हमारी हर एक कामयाबी, देती है हजारों खुशी जिनको
वो और कोई नहीं हमारी माँ होती है !
बस एक ही गुजारिश है मेरे भगवान्
मेरी माँ को सदा खुश रखना,
एक हस्ती है जो जान है मेरी
मेरी आन से भी बढ़कर मान है मेरी
वो जो करे हुकुम,तो हाज़िर जान है मेरी
क्यूंकि वो कोई और नहीं, माँ है मेरी!
ईशवर को तो कभी देखा नहीं,किन्तु माँ में झलक लगती है उसकी !
क्यूँ न माँ से एक ऐसा रिश्ता बनाया जाए
जिसको सदैव ही अपनी निगाहों पर बिठाया जाये
रहे मेरा और मेरी माँ का रिश्ता ऐसा
गर हो उदास कभी वो तो खुश मुझसे भी ना रहा जाये!
Thursday, June 24, 2010
खूबसूरत
खूबसूरत है वो इंसान ,जिसकी सोच नेक है
खूबसूरत है वो मुस्कुराहट, जो दूसरों के चेहरों पर भी मुस्कान सजा दे
जिंदिगी से रूठे हुआ किसी इंसा के दिल में फिर से जीना के अरमान जगा दे !
खूबसूरत है वो कदम ,जो किसी की मदद के लिए आगे बढ़ें
बन जाए एक ऐसा सिपाही जो सिर्फ दुनिया में सच्चाई की ही जंग लड़े!
खूबसूरत है है वोह सोच, जो किसी के लिए अच्छा सोचे
अच्छी सोच इंसान की सबसे बड़ी जागीर होती है
ऐसी जागीर जिसको कोई नहीं चुरा सकता
वो इंसान जिसकी सोच अच्छी होती है
जिंदगी में अपने हर सपने को पा लेता है!
इसलिए खूबसूरत बनना जरूरी है,
लेकिन खूबसूरती ऐसी हो जो आपके कृत कर्मो से झलके!
खूबसूरत है वो मुस्कुराहट, जो दूसरों के चेहरों पर भी मुस्कान सजा दे
जिंदिगी से रूठे हुआ किसी इंसा के दिल में फिर से जीना के अरमान जगा दे !
खूबसूरत है वो कदम ,जो किसी की मदद के लिए आगे बढ़ें
बन जाए एक ऐसा सिपाही जो सिर्फ दुनिया में सच्चाई की ही जंग लड़े!
खूबसूरत है है वोह सोच, जो किसी के लिए अच्छा सोचे
अच्छी सोच इंसान की सबसे बड़ी जागीर होती है
ऐसी जागीर जिसको कोई नहीं चुरा सकता
वो इंसान जिसकी सोच अच्छी होती है
जिंदगी में अपने हर सपने को पा लेता है!
इसलिए खूबसूरत बनना जरूरी है,
लेकिन खूबसूरती ऐसी हो जो आपके कृत कर्मो से झलके!
Tuesday, June 22, 2010
बन जा मिसाल तू
हारने से जीतने की खवाइश कम नहीं होती
टूटने से जुड़ने की कोशिश कम नहीं होती!
माना की हर कोई पाना चाहता है आसमान
किन्तु इससे धरती की आहमीयत कम नहीं होती!
ढूँढो तो मिल जातें है पत्थर में भगवान्
चाहो तो बना सकते हो आसमान में आशियाँ
कोशिश करने पर तो हो जाती है हर राह आसान
सिर्फ क़दमों को बढाने की देरी है
पुरे हो जाते है दिल के सारे अरमान
ग़मों की आंच पर लक्ष्य को उबाल तू
दिल में ना ज्यादा वहमों को पाल तू
सामने मंजिल और सुनहरा आसमान है
काट दे अपने चारो तरफ बिछे ये जाल तू
एक छेद ही काफी है घड़े से पानी गिराने को
एक आवाज़ ही काफी है किसी भी नए बदलाव को लाने को
बन जा एक नन्हा बीज तू
नन्हा अंकुर आज नहीं तो कल निकलेगा
रख खुद पर भरोसा और अटल विशवास तू
बन जा आज के युग की एक अहम् मसाल तू !
टूटने से जुड़ने की कोशिश कम नहीं होती!
माना की हर कोई पाना चाहता है आसमान
किन्तु इससे धरती की आहमीयत कम नहीं होती!
ढूँढो तो मिल जातें है पत्थर में भगवान्
चाहो तो बना सकते हो आसमान में आशियाँ
कोशिश करने पर तो हो जाती है हर राह आसान
सिर्फ क़दमों को बढाने की देरी है
पुरे हो जाते है दिल के सारे अरमान
ग़मों की आंच पर लक्ष्य को उबाल तू
दिल में ना ज्यादा वहमों को पाल तू
सामने मंजिल और सुनहरा आसमान है
काट दे अपने चारो तरफ बिछे ये जाल तू
एक छेद ही काफी है घड़े से पानी गिराने को
एक आवाज़ ही काफी है किसी भी नए बदलाव को लाने को
बन जा एक नन्हा बीज तू
नन्हा अंकुर आज नहीं तो कल निकलेगा
रख खुद पर भरोसा और अटल विशवास तू
बन जा आज के युग की एक अहम् मसाल तू !
Monday, June 21, 2010
जिंदगी -गुलाब की सिख !
तारों में अकेला चाँद जगमगाता है
मुश्किलों में ही अक्सर इंसान डगमगाता है
पर मत भूलों उस गुलाब को
जो काँटों के बीच रह कर भी सदा मुस्कुराता है
बिखेरता है तो सिर्फ खुशबू अपनी! अपने दर्द को कभी नहीं दिखलाता है !
देखने में भले ही छोटा सा हो, किन्तु एक बड़ी सिख सिखाता है
सिखलाता है काटों से मत घबराना मेरे दोस्त
क्यूंकि काटों में ही रहकर एक गुलाब मुस्कुराता है, तुम भी मुस्कुराओं !
कोई भी मुश्किल तुम्हारे इरादों की मजबूती को हिला नहीं सकती
जब एक फूल खिल सकता है हाज़ारों काटों के बीच ,तो तुम तो इंसान हो
याद रखो इस बात को और आगे बढ़ो
रास्ते तुम्हारा इंतज़ार करतें है
रास्तों पर चलते चलते मंजीलें खुद व् खुद मिल जायेंगी
और तुम्हारी जिंदगी भी एक दिन गुलाब सी खिल जायेगी !
मुश्किलों में ही अक्सर इंसान डगमगाता है
पर मत भूलों उस गुलाब को
जो काँटों के बीच रह कर भी सदा मुस्कुराता है
बिखेरता है तो सिर्फ खुशबू अपनी! अपने दर्द को कभी नहीं दिखलाता है !
देखने में भले ही छोटा सा हो, किन्तु एक बड़ी सिख सिखाता है
सिखलाता है काटों से मत घबराना मेरे दोस्त
क्यूंकि काटों में ही रहकर एक गुलाब मुस्कुराता है, तुम भी मुस्कुराओं !
कोई भी मुश्किल तुम्हारे इरादों की मजबूती को हिला नहीं सकती
जब एक फूल खिल सकता है हाज़ारों काटों के बीच ,तो तुम तो इंसान हो
याद रखो इस बात को और आगे बढ़ो
रास्ते तुम्हारा इंतज़ार करतें है
रास्तों पर चलते चलते मंजीलें खुद व् खुद मिल जायेंगी
और तुम्हारी जिंदगी भी एक दिन गुलाब सी खिल जायेगी !
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