Saturday, July 17, 2010

कर्म की महत्ता

विशव कर्म प्रधान है
और हम जैसे मनुष्य है ,कर्म करने वालें!

हम जैसा कर्म इस धरती पर करेंगे
वैसा ही फल यहाँ पायेंगे!

किसने देखा है स्वर्ग नरक
इसका स्वाद हम सभी यही चख कर जायेंगे!

मिला है मनुष्य जीवन तो कर्म करना ही पड़ेगा
सुख हो या दुःख दुनिया में रहना ही पड़ेगा!

कर्म की महत्ता को समझो,
मत इससे खिलवाड़ करो,

व्यक्ति के कर्म साथ चलतें है जनम जन्मान्तर तक ,
इस बात को तुम स्वीकार करो !

कर्म करो ऐसा की जीते जी भी नाम मिले,
दुनिया में रहते हुए भी हो अनुभव स्वर्ग का
और मृत्यु के पशचात भी जन्नत का द्वार मिले !

2 comments:

  1. कर्म की महत्ता को समझो,
    मत इससे खिलवाड़ करो,

    KATU SATYAA.........

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  2. very true, hope every body will seek some sence from it then the whole word will be a better place to live. Wish u all the very best for ur future.............

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